1. वोटों की गिनती (Counting of Votes)
-
मतदान खत्म होने के बाद Electronic Voting Machine (EVM) या बैलेट पेपर से वोटों की गिनती की जाती है।
-
गिनती रिटर्निंग ऑफिसर (RO) और एलेक्शन कमिशन की देखरेख में होती है।
-
हर राउंड की गिनती के बाद आंकड़े दर्ज किए जाते हैं और उम्मीदवारों को दिखाए जाते हैं।
2. प्रत्येक उम्मीदवार को मिले कुल वोट
-
हर प्रत्याशी को मिले वोटों की संख्या जोड़ी जाती है।
-
जो उम्मीदवार सबसे अधिक वैध वोट प्राप्त करता है, वही आगे बढ़ता है।
उदाहरण:
उम्मीदवार A – 45,000 वोट
उम्मीदवार B – 38,000 वोट
उम्मीदवार C – 12,000 वोट
👉 उम्मीदवार A विजेता घोषित होगा
3. बहुमत का सिद्धांत (Majority Principle)
-
भारत में “First Past The Post System” लागू है।
यानी जो उम्मीदवार सबसे ज़्यादा वोट पाता है, वह विजेता होता है —
चाहे उसे कुल मतों का 50% से कम भी मिले।
4. परिणाम की आधिकारिक घोषणा
-
जब गिनती पूरी हो जाती है, तो रिटर्निंग ऑफिसर (RO)
“Form 21E” में परिणाम घोषित करता है। -
इसे भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाता है।
5. विजेता को प्रमाण पत्र (Certificate) दिया जाता है
-
RO विजेता उम्मीदवार को “Certificate of Election” (Form 22) प्रदान करता है।
-
इसके बाद वह व्यक्ति आधिकारिक रूप से विजेता माना जाता है और विधानसभा या लोकसभा में सदस्य (Member) के रूप में नामित होता है।
6. यदि बराबर वोट मिल जाएं (Tie Situation)
-
अगर दो प्रत्याशियों को समान वोट मिलते हैं, तो
लॉटरी (draw of lots) के ज़रिए विजेता तय किया जाता है। -
यह प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होती है।

निष्कर्ष
चुनाव में सबसे अधिक वैध वोट पाने वाला प्रत्याशी विजेता घोषित किया जाता है,
रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा प्रमाण पत्र देने के बाद ही परिणाम आधिकारिक माना जाता है।